इन दिनों सहकारी समिति देश भर में किए गए अनाज खरीद अभियान में एक निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। कई राज्यों में खरीद को ज्यादातर उनके द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
2012 की पहली तिमाही में लगभग 15 लाख टन की राशि की तुलना में, इस साल की खरीद में केंद्र सरकार ने करीब 18 मिलियन की वृद्धि की है।
ऐसा पंजाब और मध्य प्रदेश में गेहूं के अच्छे संग्रह से संभव हुआ है। भारतीय खाद्य निगम के अनुसार, पंजाब में खरीद 3.5-4.2 लाख टन और मध्यप्रदेश में खरीद इस साल 5.4-7.5 लाख टन से बढ़ गई है।
हरियाणा में खरीद पीछे छूट गया है। वर्ष 2013 के अंत तक, केंद्र को 44.12 लाख टन की रिकार्ड खरीद की उम्मीद है। गेहूं की पैदावार 92 लाख टन के आसपास रहने का अनुमान है।