सूरत नागरिक सहकारी बैंक के हजारों खाता धारकों और जमाकर्ताओं ने मेहसाणा शहरी सहकारी बैंक के साथ उनके बैंक के विलय पर राहत की सांस ली है। भारतीय रिजर्व बैंक ने विलय की मंजूरी दी है।
रिजर्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 के तहत सूरत नागरिक सहकारी बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके कारण जमाकर्ताओं को कठिनाई का सामना करना पड़ा था।
सूत्रों का कहना है एसएनएसबी को घोटाले सहित कई लेनदेन में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था।
विलय कर रही बैंक के एक अधिकारी ने कहा कि आनेवाले समय में मेहसाणा अर्बन बैंक द्वारा सेवित होने के बारे में बैंक के शेयरधारकों को किसी भी प्रकार की चिंता नहीं करनी चाहिए।