देश की प्रमुख सहकारी संस्था इफको ने भारतीय किसानों के लिए फास्फेटिक उर्वरक की कच्चे माल की लंबी अवधि की आपूर्ति को सुनिश्चित करके अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।
सहकारी क्षेत्र की उर्वरकों की दुनिया का सबसे बड़ा निर्माता कंपनी ने रॉक फास्फेट की आपूर्ति के लिए ब्राजील के खनन घाटी एसए के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की घोषणा की है।
एलटीए को श्री के.एल. सिंह, इफको के निदेशक (तकनीकी) और श्री रॉबर्टो, एसए घाटी के वाणिज्यिक निदेशक के ने हस्ताक्षर किए।
समझौते के अनुसार, रॉक फास्फेट पेरू के प्यूरा प्रांत में स्थित हैं, जिसकी बायोवार खानों से आपूर्ति की जाएगी।
भारत में फास्फेट मांग का लगभग 90% आयात के जरिए पूरा किया जाता है। भारत विश्व स्तर पर फास्फेट का सबसे बड़ा आयातक देश है।
भारतीय सहकारिता से बात करते हुए इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू एस अवस्थी ने कहा कि इस एलटीए से भारतीय कृषि को लंबे समय के लिए फास्फेट उर्वरक कच्चे माल में वृद्धि होगी जो कि खाद्यान्न उत्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
“भारत में फास्फेटिक उर्वरक के निर्माण के लिए आउटसोर्सिंग के जरिए फास्फेट की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए इफको का पिछड़े एकीकरण की रणनीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। किसानों के लिए हमारी प्रतिबद्धता हमेशा हमारी प्राथमिकता है,” उन्होंने कहा।
भारत में फॉस्फेट नही हैं और देश में फास्फेट की पूरी आवश्यकता को आयात किया जाता है। इफको के भारत के कांडला और पारादीप में दो बड़े उर्वरक संयंत्र है। पारादीप संयंत्र डीएपी, एनपीके,एनपी के साथ दुनिया के सबसे बड़े उर्वरक संयंत्र है जो कि 100% P2O5 के प्रति दिन 2650 मीट्रिक टन की क्षमता के साथ दुनिया का सबसे बड़ा फॉस्फोरिक एसिड संयंत्र है।