आरबीआई ने जब से अमानाथ कोऑपरेटिव बैंक से निकासी पर प्रतिबंध लगाया गया है तब से जमाकर्ता चिंतित हैं और वापस अपने जमा धन की मांग कर रहे हैं।
बैंक के एनपीए में असामान्य इजाफे से आरबीआई ने बैंक के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया था। जमाकर्ता छह महीने में एक बार एक हजार रुपये वापस ले सकता हैं।
बैंक के प्रबंधन ने कुछ अचल संपत्ति से जमाकर्ताओं का ऋण चुकाने का वादा किया है। वह अदालत में अपनी संपत्तियों के बेचे जाने की जानकारी सार्वजनिक कर रहे हैं लेकिन फिर भी जमाकर्ता शांत नहीं हुए है।
सूत्रों का कहना है कि बैंक भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना किसी भी संपत्ति को बेच नही सकते हैं। बैंक संपत्ति बेचने के लिए सक्षम है, लेकिन संपत्तियों को लेकर विवाद के चलते कम दामों पर उन्हें बेचना पड़ सकता है।
यही कारण है कि बैंक को भारी नुकसान भुगतना पड़ सकता है।
बैंक प्रबंधन के अनुसार बैंक अपनी भूमि की सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से पर्याप्त धन जुटाने और इस प्रकार अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में सक्षम होगा।