एनसीयूआई सहकारी कांग्रेस के प्रारंभ होने की घोषणा करने के लिए गुरुवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया। संवाददाताओं के संबोधित करते हुए एनसीयूआई के अध्यक्ष चन्द्र पाल सिंह ने कहा कि सहकारिता आन्दोलन की शीर्षस्थ संस्था भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयुआई) 16वें भारतीय सहकारी महासम्मेलन का आयोजन दिनांक 25-26 जून, 2013 को नई दिल्ली में करने जा रही है।
इस महासम्मेलन का उद्घाटन भारत के महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी दिनांक 25 जून, 2013 को दोपहर 12.00 बजे सीरी फोर्ट सभागार, अगस्त क्रांति मार्ग, नई दिल्ली में करेंगे तथा इसकी अध्यक्षता केन्द्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री शरद पवार करेंगे। कांग्रेस में सहकारी क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा और क्षेत्र में आने वाली आकस्मिक समस्याओं के मद्देनजर प्रभावी नीति के लिए दिशा निर्देशों के ऊपर चर्चा की जाएगी।
“विश्व के निर्माण में सहकारी उद्यम” इस महासम्मेलन का मुख्य विषय होगा। इस दो दिन के महासम्मेलन में देश-विदेश के लगभग 2000 प्रतिनिधि और ओडिशा के माननीय राज्यपाल एससी जमीर, उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल अजीज कुरैशी, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भाग लेंगे।
इसके अलावा मेघालय के मुख्य मंत्री डा. कुकुल संगमा, भारत सरकार से कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री तारिक अनवर, आंध्र प्रदेश के सहकारिता मंत्री के.वी.के. रेड्डी, असम के सहकारिता मंत्री सिद्धिकी अहमद, मिजोरम के सहकारिता मंत्री जे.एच. रोथुमा, आईसीए के उपाध्यक्ष ली चुनसेंग सम्मानित अतिथि होंगे।
आईसीए के उपाध्यक्ष इस अवसर पर सम्माननीय अतिथि होंगे। विभिन्न सहकारिता क्षेत्रों की सफलता की कहानी एवं उपलब्धियों पर प्रकाशन, सूचना के अधिकार पर प्रकाशन एवं स्मारिका का विमोचन इस अवसर पर मुख्य सुर्खियां रहेंगी। इन दो दिनों में आठ तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसमें विषय विशेषज्ञ सहकारी क्षेत्र के समक्ष आए विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करेंगे इनमें विभिन्न क्षेत्रों से सबंधित जो महत्वूपर्ण अनुशंसाएं उभर कर आएंगी निश्चित रूप से यह भविष्य में देश के सहकारी क्षेत्र के विकास के लिए प्रभावशाली नीति निर्देशकाओं के रूप में सिद्ध होंगी।
भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा आयोजित प्रेस कान्फ्रेस को सम्बोधित करते हुए भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष डॉ. चन्द्रपाल सिंह ने कहा कि यह सहकारी महासम्मेलन ऐसे समय पर हो रहा है जबकि बाजार अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा के लिए सहकारिता बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही हैं।
6 लाख से भी अधिक सहकारी समितियों के साथ देश का सहकारिता आन्दोलन विश्व का सबसे बड़ा जन आन्दोलन है। सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि-ऋण, आवास, चीनी, दुग्ध, परिवहन, मत्स्य एवं उर्वरक आदि में सहकारिता आन्दोलन ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दुग्ध सहकारिताओं के महत्वपूर्ण योगदान के फलस्वरूप भारत आज विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है।