उड़ीसा जन मोर्चा के महासचिव जगनेश्वर बाबू को उड़ीसा स्टेट बैंक मामले में उड़ीसा उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है।
जगनेश्वर बाबू को इससे पहले भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। अपनी जमानत याचिका में जगनेश्वर बाबू ने तर्क दिया था कि पटनायक सरकार ने उनके खिलाफ झूठी गवाही का निर्माण किया था।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि उच्च न्यायालय द्वारा जमानत पर उन्हें रिहा करना पटनायक सरकार के लिए शर्मिंदगी का कारण हो सकता है।
राजनीति में आने से पहले जगनेश्वर बाबू एक वरिष्ठ सहकारी नेता और कई वर्षों तक नेफ्सकब बोर्ड में शामिल थे।