गोवा के आदिवासी किसानों के लिए स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों का गठन किया है, उनको जल्द ही एक चावल मिल दिया जाएगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की गोवा विभाजन ने इस संबंध में वादा किया है।
मिल को केनाकोना क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा जहाँ गोवा के सबसे अधिक आदिवासी रहते है, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद स्रोत ने कहा।
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रौद्योगिकी से आदिवासियों को खेती में लाभ को बढ़ाने में मदद मिलेगी और उन्हें चावल के शोधन में कठिन परिश्रम नही करना पड़ेगा।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सूत्र के मुताबिक मिल क्षेत्र में डेढ़ हजार से अधिक किसानों के लिए खुशी लेकर आएगी। मिल को आदिवासियों द्वारा प्रबंधित और नियंत्रित किया जाएगा, सूत्र ने कहा।
एक मध्यम आयु वर्ग के आदमी (जो कि स्थानीय समुदाय में बड़े सौदों पर नजर रखता है) ने कहा कि भारतीय कृषि
अनुसंधान परिषद की इस पहल से आदिवासियों में सहकारी संस्थाओं के प्रसार को प्रोत्साहन मिलेगा।