गुजरात राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष जी. एच. अमीन ने प्राथमिक कृषि सोसायटी के भाग्य पर निर्णय लेने पर अपनी मनमानी के लिए नाबार्ड की आलोचना की है। गांधीनगर में सहकारी कांग्रेस के अवसर पर बोलते हुए श्री अमीन ने जल्दी ही परिपत्र को वापस लेने के लिए नाबार्ड को कहा है।
नाबार्ड ने अचानक घोषणा की थी कि किसानों को उधारदाताओं के रूप में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों की भूमिका को खत्म किया जाएगा जिसके बाद से सहकारी हलकों में खलबली मची हुई है।
शीर्ष निकाय नेफ्सकब सहित कई राज्यों की सहकारी यूनियनों ने कहा है कि नाबार्ड इस कदम से देश में पैक्स जिसने मौसमी खेती गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋण के साथ किसानों को उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है के नेटवर्क को खतरे में डाल सकता है।
पैक्स के मुद्दे पर आलोचना से अभिभूत नाबार्ड ने सोमवार को कुछ हद तक पीछे हटते हुए 22 जुलाई को जारी किए गए परिपत्र के लिए एक स्पष्टीकरण जारी किया।
नाबार्ड ने कहा कि पैक्स नियमित रूप से कामकाज को बरकरार रखेगा।
सूत्रों का कहना है कि पैक्स के विघटन की घटना के बाद किसानों को पारंपरिक सूदखोरी से अवगत कराया जायेगा, जिससे कृषि प्रभावित हो सकती है।
सहकारी कांग्रेस का मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया। 3000 से अधिक प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया। अमीन ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री को सहकारी पगड़ी भी पहनाई।
श्री अमीन ने कहा कि हमारी डेयरी, शुगर सहकारी क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे है लेकिन क्रेडिट सेक्टर में अर्बन कॉपरेटिव बैंकों का कार्य निराशाजनक रहा है। जिसके कारण सहकारी बैंको में कमी आई है इसमें सुधार लाने की जरुरत है, श्री अमीन ने कहा।