आज इफको अध्यक्ष एनपी पटेल के भाग्य का फैसला होना है क्योंकि आज आईसीए बोर्ड के चुनाव का दिन है। यह सीट इफको के सुरेंद्र जाखड़ के असामयिक निधन के कारण खाली हो गया था।
इफको के सहकारी विकास के निदेशक जीएन सक्सेना ने भारतीय सहकारिता से बात करते हुए बड़े विश्वास से कहा है कि श्री पटेल की को बढ़त हासिल है लेकिन चुनाव तो चुनाव है और इसके लिए इंतजार करना बेहतर है, उन्होंने कहा।
एनसीयूआई के अध्यक्ष श्री चन्द्र पाल सिंह यादव ने इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी के इशारे पर अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी जिसके बाद श्री पटेल भारत से आम सहमति से उम्मीदवार घोषित हुए है। आंतरिक लड़ाई अभी खत्म हो गई है हालांकि हमारे अध्यक्ष के आईसीए बोर्ड के निर्वाचित होने के लिए वैश्विक प्रचार की आवश्यकता है, सक्सेना ने कहा।
इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय सहकारी एलायंस ने अपने वैश्विक सम्मेलन और महासभा का शुभारंभ केप टाउन में कर दिया है।
उद्घाटन समारोह में एलायंस की अध्यक्ष डेम पॉलीन ग्रीन ने कहा कि “यहाँ दुनिया भर से 1100 और अफ्रीका से 350 लोग शिरकत कर रहे हैं। हम यहाँ हैं यह कोई संयोग नहीं है। अफ्रीका के बड़े हिस्से में सहकारिता से बहुत कुछ किया जा सकता हैं। यह एक युवा और जीवंत बढ़ रहा देश है।
अफ्रीका क्षेत्र के एलायंस के उपाध्यक्ष स्टेनली मुचिरी ने कहा कि जब वह अफ्रीका वैश्विक बोर्ड द्वारा चुने गये थे जब बहुत खुश थे। महासभा को पहली बार अफ्रीका में आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि “यह सभा अफ्रीका को दुनिया भर में सहकारी समितियों से ज्ञान और अनुभव साझा करने के लिए एक बड़ा अवसर देता है। इससे हमें अफ्रीका में सहकारी विकास को बढ़ाने और उस पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी। ”
श्री मुचिरी ने कृषि, वित्त और आवास सहित महाद्वीप में विकास और समृद्धि को रेखांकित किया। लेकिन उन्होंने कहा कि इस बीच उपभोक्ता और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों की उपेक्षा की गई है। उन्होंने प्रतिनिधियों को कहा कि सहकारी विकास रणनीति पर विचार करना होगा ।
दक्षिण अफ्रीका के व्यापार और उद्योग मंत्री डॉ. रोब डेविस ने उद्घाटन सत्र में कहा कि सहकारी समितियाँ लोगों के विकास को बढ़ावा देकर बेरोजगारी और गरीबी जैसे क्षेत्रों में मदद कर रही है। लेकिन एक प्रमुख चुनौती युवाओं के बीच बेरोजगारी का मुद्दा बनी हुई है।
डेम पॉलीन ने कहा कि “हमारे पास समय है, हमारे पास ज्ञान और लोगों का समर्थन है जिससे हम हमारी इच्छाओं कि पूर्ति कर सकते है। हमारे साथ एक अरब लोगों की ताकत और आवाज है। हमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा दिए गए नारे का उपयोग करके सहकारिता से बेहतर दुनिया का निर्माण करके दिखाना होगा। ”
-कोऑपरेटिव न्यूज के सौजन्य से