गुजरात में अन्योन कॉपरेटिव बैंक के पतन के कगार पर किसी अन्य सहकारी बैंक में विलय न होने के कारण बैंक की संपत्ति को नीलाम किया जा रहा है। इसकी सभी चल संपत्ति को अब परिसमापन की प्रक्रिया के तहत नीलाम किया जा रहा हैं।
परिसमापक जे आर चार्ल्स के अनुसार बिक्री के लिए बैंक की चल संपत्ति का निपटान अचल संपत्ति से पहले होगा।
बैंक 2007 में करोड़ों रुपए मूल्य की ऋण की वसूली नहीं कर सका तब से यह संकट में डूबता चला गया। एनपीए के संचय का उनकी अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। कई प्रयासों के बावजूद बैंक इस संकट से कभी उबर नही पाया।
उदाहरण के लिए महाराष्ट्र का सारस्वत सहकारी बैंक के साथ विलय का प्रस्ताव है, लेकिन यह भी केंद्रित वार्ता की कमी के कारण सफल नही हो पाया।
सूत्रों का कहना है, कि जमाकर्ताओं के हित को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने यह कदम उठाया है। जमाकर्ताओं के दावों के अनुसार निबटारे में शामिल कुल राशि 57 करोड़ रुपए है।
संकटों से घिरा यह बैंक किसी समय में दुनिया में सबसे सफल सहकारी बैंकों में शुमार था।