हमारे सहकारी नेता 97वां संवैधानिक संशोधन के रूप में उनकी उपलब्धियों के बारे में शेखी बघारते कभी नहीं थकते हैं. लेकिन इसे राज्यों द्वारा अपनाया जा रहा है या नहीं इसकी किसी को परवाह नहीं है क्योंकि इसके बगैर यह पूरी कवायद व्यर्थ है.
आई.सी. नाईक की तरह एक सच्चे सहकारी व्यर्थ की बातों में नहीं पडेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि 97वें CAA का लाभ आखिरी आदमी तक पंहुचे.
सरकार की विलम्ब की रणनीति और भावुक दृष्टिकोण ने कानूनी सहारा लेने के लिए मजबूर किया है. श्री नाईक, सच्चे सहकारी और www.indiancooperative.com के मानद सलाहकार, ने पत्र के रूप में एक जनहित याचिका दायर की है.