21 जनवरी की एनसीसीएफ बोर्ड की बैठक में प्रबंध निदेशक शामिल नहीं हो सके और बोर्ड ने हमेशा की तरह अपनी बैठक सम्पन्न की. इससे उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में एक तूफान पैदा हो गया है. यह महसूश करने पर कि कोऑपरेटर्स ने इसे हाशिए पर कर दिया है, मंत्रालय ने MSCS अधिनियम 2002 की धारा 22 के तहत राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ को एक नोटिस जारी किया है.
नोटिस और पत्र द्वारा अध्यक्ष और बोर्ड के सदस्यों को धमकाने की कोशिश की गई है और ऐसे मुद्दों को उठाया गया है जिनका वर्तमान मुद्दे से कोई संबंध नहीं है.