खबर हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारत सरकार ने आपस में विचार विमर्श किया है और अगले कुछ दिनों में शहरी सहकारी बैंकों को लाइसेंस देने का फैसला किया है.
पूर्व में मालेगाम समिति ने सुझाव दिया था कि शहरी सहकारी बैंक एक उपयोगी भूमिका निभाते हैं और शहरी सहकारी बैंकों कों बिना बैंक वाले जिलों और क्षेत्रों में अपने अभियान शुरू करने की जरूरत है.
सूत्रों का कहना है कि भारत के अधिकांश क्षेत्रों में अभी भी बैंक नहीं है और सहकारी बैंक आसानी से इस कमी को पूरा कर सकते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में कई निजी कंपनियों को बैंकों के लिए लाइसेंस देने की मंजूरी दे दी है जिससे सहकारी क्षेत्र के बीच आशा जगी है, जो लंबे समय तक सरकार की मंजूरी के लिए इंतजार कर रहा था.
Nafcub के अध्यक्ष मुकुंद अभ्यंकर शहरी सहकारी बैंकों को लाइसेंस देने के लिए पूर्व शर्त तय के लिए बनी समिति के सदस्य थे.