पूरे महाराष्ट्र राज्य के सहकारी क्षेत्र में अभूतपूर्व अराजकता फैली है क्योंकि 2.25 लाख से अधिक सहकारी समितियों के चुनाव की निगरानी के लिए कोई अधिकारी नहीं है. हाउसिंग सोसायटी समितियों के पदाधिकारी तनाव में रह रहे हैं क्योंकि जब तक कोई नया अधिकारी नहीं आ जाता, वे इस्तीफा नहीं दे सकते.
मुंबई के एक प्रमुख दैनिक के एक द्वारा रिपोर्ट के अनुसार राज्य के कानून एवं न्याय विभाग ने एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है कि अन्य विभागों को कि केवल सुप्रीम कोर्ट में एक अपील या विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करने से बंबई उच्च न्यायालय द्वारा पारित प्रतिकूल आदेश का स्थगन नहीं माना जा सकता जबतक कि स्थगन आदेश के साथ अपील करने की अनुमति नहीं मिल जाती.