नवीन पटनायक सरकार सहकारी समितियों के मामलों में उदासीन लगती है क्योंकि ओडिशा में सहकारी संगठनों के चुनाव में बहुत देर हो रही है.
यह 97वें संवैधानिक संशोधन का उल्लंघन करने के बराबर है जो 18 महीने के भीतर चुनाव कराना जरूरी बताता है. राज्य सरकार ने पहले से ही निर्वाचित सहकारी समितियों को भंग कर दिया है लेकिन ताजा चुनाव कराने के लिए प्रयास शुरू होना अभी बाकी है.
सूत्रों का कहना है मतदान में हो रही देरी से राज्य के हजारों सहकारी संगठनों को नुकसान पहुँचा है.
सूत्रों का कहना है कि राज्य में स्थापित स्वतंत्र सहकारी चुनाव आयोग एक गहरी नींद में गिर गया लगता है और इस धारणा को खारिज कर देता है.