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सुधा दूध: विवाद उठना जारी

जैसा कि पहले सूचना दी गई थी Comfed की एमडी हरजोत कौर और पटना का टाइम्स ऑफ इंडिया अपनी बात पर अडे हुए हैं. समाचार पत्र में बिहार राज्य दुग्ध सहकारी संघ के संदिग्ध और बेईमान गतिविधियों के बारे में एक घातक रिपोर्ट किए जाने के बाद श्रीमती कौर ने जल्दबाजी में संवाददाता सम्मेलन बुलाया.

रिपोर्ट में कहा गया था कि फेडरेशन बिहार में 33 से 43 रुपये में एक लीटर दूध बेच रही है जबकि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक निजी डेयरी के लिए 25 रु. प्रति लिटर की आपुर्ति कर रही है.

जैसी कि उम्मीद थी, रिपोर्ट ने महासंघ को हिला दिया है. फिर भी फेडरेशन की एमडी हर्जोत कौर ने रिपोर्ट को बकवास बताया है.

यह नोट करने लायक है कि आरटीआई कानून के तहत दैनिक समाचार पत्र द्वारा प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, बिहार राज्य पशुपालन और मत्स्य विभाग राज्य के दुग्ध संघ दिल्ली और मुरादाबाद में निजी डेयरियों को दूध पाउडर के उत्पादन के लिए दूध की एक बड़ी राशि की आपूर्ति के बारे में शिकायतों की भरमार है.

जानकार सूत्रों का कहना है किबिहार के दूध पाउडर बानाने वाले प्लांट को दूध की कमी से जूझ पड रहा है जिससे बिहार को एक भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है. शिकायतों के मुताबिक, राज्य में संग्रह और दूध के उत्पादन के लिए आवश्यक कोयले की खरीद और वितरण में पूरी तरह पारदर्शिता नहीं थी. कोयला का ममला एक प्रमुख घोटाल बन गया है, सूत्रों का कहना है.

सूत्रों का कहना है Comfed और इसके विभिन्न दुग्ध संघों जो बिहार के बाहर के प्लंट को दूध की आपूर्ति कर रहे हैं, आवश्यक जानकारी नहीं दे रहे हैं.

बिहार में दूध पाउडर बनाने के चार प्लांट हैं. बरौनी संयंत्र की 12 लाख टन की क्षमता है जबकि, मुजफ्फरपुर और पटना प्लांट की क्षमता क्रमश: 10 लाख टन और दो लाख टन है. इस साल बिहारशरीफ में लगे संयंत्र की 30 लाख टन क्षमता है.

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