मीडिया की खबरों के अनुसार इफको ने आंध्र प्रदेश में नेल्लोर के निकट Richarlapadu में एक परिष्कृत किसान सेज के विकास के लिए आवंटित का उपयोग न कर के गलती की है.
सच्चाई के तह में जाने के भारतीयसहकारिता.कॉम के प्रयास से एक अलग कहानी ऊपर आई है. कोई मीडिया रिपोर्ट देरी के लिए एक लंबित मामले को वजह नहीं मानता. वे देरी के लिए इफको पर आरोप लगाते हैं.
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ.अवस्थी ने भारतीयसहकारिता.कॉम को मेल से तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त की. शाम तक भारतीयसहकारिता.कॉम के डेस्क पर मुद्दे से नाकाब उठाता हुआ इफको का रुख आ गया.
मीडिया रिपोर्ट कहता है कि इफको विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं को शुरू करने के अपने वादे को निभाने में नाकाम रही है जिससे लोगों में क्रोध फैल रहा है.
इफको के पीआर मैनेजर Harshendra सिंह ने स्पष्ट किया कि आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित मुकदमे में इस साल मार्च में ही जीत मिली है. “
हर्ष आगे बताते है कि कुछ कंपनियों ने उत्पादन शुरू कर दिया है तथा माल निर्यात भी कर रही हैं. कुछ और कंपनियां जल्द ही आने वाली हैं.