एक सहकारी नेता अचानक कहीं से आ गया और बिजेन्दर सिंह तथा चन्द्र पाल सिंह की पसंद से नेतृत्व छीनने की धमकी दी. नेफेड के चुनाव परिदृश्य में उनका आगमन बदलते समय का संकेत है और पुराने दिग्गजों के लिए उनके किले को पकड़ कर रखे रहना मुश्किल होता जाएगा.
सोमवार की पूर्वाह्न में तीव्र सौदेबाजी के दौरान पद के सरकारी उम्मीदवाज अशोक ठाकुर और नेफेड के पुराने दिग्गजों के बीच गरमागरम बहस को देखा गया.