मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष को आर्थिक अपराध शाखा की एक विशेष अदालत ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया और 25,000 रुपये के जुर्माना के साथ चार साल के कारावास की सजा सुनाई है.
आरोपी – हर्ष नगर सहकारी समिति, महाराजपुर के तत्कालीन अध्यक्ष प्रेम सिंह तुरकर ने जबलपुर में कारखाने के श्रमिकों को आवासीय इकाइयां उपलब्ध कराने के लिए “हर्ष नगर हाउसिंग कंस्ट्रक्शन सोसायटी” बनाया था.
नकली समिति 1982 में बनाई गई थी. जांच में भूमि अधिग्रहण अधिकारी की मिलीभगत का पता चला.