वादा, वादा और वादा – कर्नाटक में सुपारी उत्पादकों का यह भाग्य हो गया है. उनके नेता के.पद्मनाभन ने क्षेत्र के सांसदों के एक समूह का आयोजन किया है और सरकार पर प्रतिबंध हटाने की आवश्यकता को प्रभावित करने के लिए दिल्ली के लिए जा रहे हैं.
वह वापस आते हैं और संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कहते हैं कि सरकार ने उनको सहानुभूतिपूर्वक सुना. ऐसा कई बार हुआ है लेकिन परिणाम कुछ नहीं.