NAFCUB की 38वीं वार्षिक आम बैठक शनिवार को नई दिल्ली में NCUI सभागार में हुई. देश के विभिन्न भागों से आने वाले प्रतिनिधियों ने सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक से उनकी समस्याओं को हल करने में NAFCUB से अधिक से अधिक कार्रवाई की मांग की.
इस ए.जी.एम. में एमएल अभ्यंकर का महत्व बढा है. अगले साल जनवरी में दिल्ली में एक मेगा सम्मेलन के आयोजन की घोषणा हुई है जिसमें प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री को बुलाया जाएगा. सम्मेलन का उद्देश्य होगा शहरी सहकारी बैंकों द्वारा सामना की जा रही समस्याओं से सरकार को अवगत कराया जाना.
अभ्यंकर का समर्थन करते हुए Nafcub पूर्व अध्यक्ष श्री पाटिल ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को नियामक संस्था द्वारा या सरकार द्वारा उचित पहचान और इज्जत नहीं मिली है. शहरी सहकारी बैंकों रोजगार के वित्तीय समावेशन और निर्माण को प्राप्त करने के मामले में सरकार के भागीदार हो सकते हैं.
एजीएम से आय कर छूट और मीडिया-बातचीत में बढत की बात उभरी है. शहरी सहकारी बैंकों के काम-काज से मीडिया को कराने की जरूरत है. कई प्रतिनिधियों ने खेद व्यक्त किया कि मीडिया में शहरी सहकारी बैंकों का नकारात्मक प्रचार अधिक और अच्छे कामों का प्रचार कम होता है.