NAFCUB के हाल ही में संपन्न वार्षिक आम बैठक में प्रतिभागियों ने गर्व व्यक्त किया कि भारत में 85 महिला सहकारी बैंक हैं और सभी अच्छी तरह से काम कर रहे हैं.
यह सच है कि पुरुष प्रभुत्व वाले शहरी सहकारी बैंकों की तुलना में महिला सहकारी बैंकों ने अतीत में नियामकों के लिए शिकायत का कम मौका दिया. लेकिन यहाँ एक बुरी खबर है.
20 अगस्त, 2014 को बन्द होने तक भारतीय रिजर्व बैंक ने ठाणे स्थित शताब्दी महिला सहकारी बैंक को कुछ निर्देश जारी किए हैं. बैंक पर किसी तरह का ऋण, अग्रिम देने और नवीकरण करने, निवेश करने, उधार और जमा आदि के लिए रोक लगाई गई है. निदेशों की एक प्रति बैंक में जनता के लिए प्रदर्शित की गई है.
किसी तरह के लेन-देन करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व अनुमोदन लेना होगा. निर्देशों के तहत, जमाकर्ताओं को केवल हर बचत बैंक या चालू खाता या किसी भी अन्य जमा खाते में से कुल एक हजार रुपए की राशि वापस लेने की अनुमति दी जाएगी.
रिजर्व बैंक ने कहा कि वित्तीय स्थिति के बेहतर बनने तक बैंक का प्रतिबंध के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रहेगा. निदेशों को बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. रिजर्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निर्देशों के संशोधन पर विचार कर सकता है.