श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने दूध उत्पादन को बढ़ावा देने और गोजातीय की बेहतर नस्लों को विकसित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं. भारत में 199 मिलियन गोजाति की आबादी है जो दुनिया में कुल गोजाति की संख्या का 14% है. इस में से 83% देसी गायें हैं.
मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत में श्री सिंह ने कहा कि भारत के गोजातीय आनुवंशिक संसाधन मवेशियों की अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त 37 स्वदेशी नस्लों और भैंसों की 13 नस्लों का प्रतिनिधित्व करती हैं. उन्होंने कहा कि स्वदेशी गोजातीय नस्लों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
श्री सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर स्वदेशी नस्लों की रक्षा के लिए स्थापित किया जा रहा है. उत्पादकता को बढ़ाने के लिए 37 गाय प्रजनन और 13 भैंस नस्लों की आनुवंशिक उन्नति सुनिश्चित करने के लिए न्यूक्लियस झुंड स्थापित किया जाएगा.
दूध के परिवहन के लिए एग्री रेल नेटवर्क को बढ़ावा देने के क्रम में 36 नई रेल दूध टैंकरों की खरीद के लिए डेयरी सहकारी संघ की ओर से अमूल और एनडीडीबी द्वारा आदेश रखा गया है और रेलवे द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा. इस मांग को अधिक से अधिक बाजार क्षेत्र के साथ डेयरी किसानों को उपलब्ध कराने के क्षेत्रों में दूध अधिशेष क्षेत्रों से दूध के आंदोलन में मदद मिलेगी, उन्होंने कहा.