सहकारी समितियां, निजी क्षेत्र और सरकार एक साथ मिल जांय तो देश में आने वाले वर्षों में बड़े पैमाने पर स्थायी डेयरी विकास की संभावना देखी जा सकती है, केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने टिप्पणी की. मंत्री राजधानी में भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित “डेयरी विजन 2025” को संबोधित कर रहे थे.
श्री सिंह के अनुसार, भारत दुनिया के सबसे बडे दुग्ध उत्पादक देशों में शुमार है जिसका डेयरी उत्पादन 17 प्रतिशत है. देश में 2011-12 में उत्पादित दूध का कुल मूल्य रु.3,05,484 करोड़ था. देश भर में 1,55,634 जमीनी स्तर की दूध-सहकारी समितियां हैं जिसके साथ 15 लाख से अधिक किसान जुडे हुए हैं, केंद्रीय मंत्री ने दावा किया है.
मंत्री ने सहकारी बुनियादी ढांचे के शीघ्र विकास और बीमार दूध सहकारी संघों की बहाली का आह्वान किया है. नाबार्ड भी ऑपरेशन फ्लड पर ध्यान केंद्रित करते हुए सहकारी डेयरी क्षेत्र की क्षमता को साकार करने में हर संभव तकनीकी सहायता की पेशकश करेगा, श्री सिंह ने उल्लेख किया.