अजमेर शहरी सहकारी बैंक की तीन शाखाएं अब और काम करने में सक्षम नहीं होंगी क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को इसका लाइसेंस रद्द कर दिया है जिससे जमाकर्ताओं के बीच व्यापक रोष है.
बैंक लगभग 90 साल पुराना था और लगातार बढ़ती एनपीए से लड़ रहा था. सूत्रों के मुताबिक यूसीबी को 85 करोड़ रुपये का भुगतान करना था. सूत्रों का कहना है कि बैंक ने बकाएदारों से 65 करोड़ रुपये की व्यवस्था की लेकिन खाता धारकों को भुगतान करने के 20 करोड़ रुपये कम पड रहे थे.
भारतीय रिजर्व बैंक ने ऋणों की वसूली और अपने जमाकर्ताओं को भुगतान करने के लिए यूसीबी को पर्याप्त समय दिया लेकिन बैंक कार्रवाई करने में विफल रहा जिससे बंद हो गया.
उत्तेजित जमाकर्ताओं ने बैंक घेर लिया और प्रबंधन के खिलाफ नारे लगाए. इस स्थिति के लिए जिम्मेदार निदेशक मंडल पकड में नहीं आए.
इस बैंक में लगभग 22,000 खाता धारक हैं जिनके 85 करोड़ रुपये जमा हैं.