नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ हर्ष कुमार भंवाला ने कहा उनका संगठन ग्रामीण ऋण निधि के माध्यम से प्रचुर मात्रा में लंबी अवधि के ऋण की आपूर्ति करेगा जिससे सहकारी बैंक के लिए किसानों की मदद करना संभव हो सके.
सहकारी बैंक कृषि विकास के लिए आसान ऋण और निवेश के लिए पैसे की पेशकश करने में सक्षम हो जाएंगे. श्री भांवला ने कहा कि 820 मिलियन डॉलर फंड इस वित्त वर्ष के लिए खर्च किया जाएगा.
नाबार्ड के प्रमुख ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा घोषणा की गई निधि कृषि उत्पादन और उत्पादकता को ऊपर उठाने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करगी. खेती में निवेश ऋण में सहकारी बैंकों का शेयर पिछले वित्तीय वर्ष में बेहद कम रहा है.