सहकारी समितियों ने हाल के वषों में दुनियां भर में 80 करोड रोजगार के पद श्रिजित किए हैं जिससे यह तथ्य रेखांकित हुआ है कि रोजगार के अवसर पैदा करने की चुनौतियों को सहकारी समितियों के मध्यम से निपटा जा सकता है – राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष चंद्र पाल सिंह यादव ने दिल्ली में शनिवार को आयोजित एनएसयूआई की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा।
भारत सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए यादव ने कहा – भारत में 35 वर्ष से कम आयु वर्ग के युवाओं की सबसे बड़ी संख्या है. उन्हें उत्पादक कार्यों में व्यस्त करने के लिए सहकारी गतिविधियों का विस्तार करने की तत्काल आवश्यकता है.
जब वैश्विक अर्थव्यवस्था मंद हो गई है, कृषि में व्रिद्धि हुई है. एनसीयूआई के अध्यक्ष ने कहा कि इस स्थिति का अधिकतम फायदा उठाने के लिए सहकारिता मुख्य उपकरण है.
देश के विभिन्न भागों से प्रतिनिधि एजीएम में मौजूद थे. एनसीयूआई की शासी परिषद के साथ ही विशेष आमंत्रित भी मंच पर बैठे थे. बालू अय्यर, आईसीए एशिया प्रशांत के क्षेत्रीय निदेशक के साथ Biscomaun के अध्यक्ष सुनील सिंह और अन्य लोग भी वहाँ मौजूद थे. दर्शकों ने राष्ट्रीय श्रम सहकारिता संघ के अध्यक्ष संजीव कुशलकर, महेश बैंक के अध्यक्ष रमेश डाट और कई अन्य लोगों सहित कई कुलीन लोगों को देखा.
97 संवैधानिक संशोधन के तत्काल कार्यान्वयन के लिए एनसीयूआई अध्यक्ष ने कर्नाटक सहकारी अधिनियम 2014 में संशोधन और इस प्रकार 97CAA के प्रावधानों पर कारवाई के लिए कर्नाटक सरकार द्वारा इस कदम सराहना की.
गुजरात उच्च न्यायालय के पिछले निर्णय का जिक्र करते हुए चन्द्र पाल ने कहा कि 97 CAA का मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है और मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि मामले में द्रिढता से बहस करे.
एजीएम में अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान उन्होंने अन्य मुद्दों को छुआ जैसे डायरेक्ट टैक्स कोड, पांच साल की योजना में सहकारी समितियों का समावेश और सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता शामिल है.
मैं ने शासी परिषद के सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ केंद्रीय मंत्री श्री राधा मोहन से मुलाकात की है और हमने सहकारिता के विषय में कई मुद्दों पर बात की, श्री यादव ने महासभा को सूचित किया.