कृषि राज्य मंत्री मोहनभाई कुन्दरिया ने शुक्रवार को दिल्ली में 61 वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह समारोह का उद्घाटन किया| कुन्दरिया ने कहा कि सरकार को गुजरात के सहकारी मॉडल को देश के अन्य भागों में भी दोहराना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मॉडल सहकारी स्वायत्तता को सुनिश्चित करता है| गुजरात की सहकारी समितियों को ऊचाईयों की ओर ले जाने के लिए गुजरात सरकार का बहुत योगदान रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ हर साल 14 नवंबर से 20 नवंबर को सहकारी सप्ताह के रूप मे मनाता है। सहकारी सप्ताह के इस साल का विषय था “सतत और समावेशी विकास के लिए सहकारिता मॉडल”।
पहले केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह इस सप्ताह समारोह का उद्घाटन करने के लिए सादर अमंत्रित थे पर उनके माना करने के बाद एनसीयूआई को श्री कुन्दरिया को बुलाना पड़ा। पिछले रविवार को हुए मंत्रीमंडल विस्तार में श्री कुन्दरिया ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली थी। यहां तक कि इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी का नाम भी मंच पर प्रदाशित किया गया था पर वह भी इस समारोह में हिस्सा नही ले पाए।
अपने भाषण में मंत्री ने कहा कि अगर सहकारी आंदोलन को मजबूत करना है तो इस आंदोलन से महिलाओं और युवाओं को जोड़ा जाना चाहिए। गुजरात सहकारी मॉडल को मजबूत बनाने मे राज्य सरकार की अहम भूमिका रही है।
एनसीयूआई के अध्यक्ष डा चन्द्र पाल सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की योजनाएं अगर सहकारी संस्थाओं के मध्यम से चलाई जाए तो सरकार की योजनाए का लाभ देश के गरीब से गरीब लोगों को पहुचाया जा सकता हैं। चन्द्र पाल ने डायरेक्ट टैक्स कोड पर निशाना साधते हुए कहा कि यह टैक्स सहकारी समितियों को कमजोर करेगा। यादव ने कहा कि सहकारी बैंको के मध्यम से किसानों को 0 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दी जाती है |पर उन्होंने अफ़सोस जाहिर कि की भारत सरकार द्वारा पेश बजट में सहकारी क्षेत्र के बारे एक पंक्ति भी नही लिखी जाती है।
लगभग 250 करोड़ लोगों सहकारी आंदोलन से जुड़े हैं अगर सरकार मदद करे तो यह संख्या 500 करोड़ के ऊपर छलांग लगा सकती है, श्री चंद्र पाल ने कहा।
इस समारोह में कई दिग्गज सहकारी नेताओं ने हिस्सा लिया । नेफेड के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह,बिस्कोमॉन के प्रमुख सुनील सिंह, कृभको के अधयक्ष वी.आर.पटेल, फिशकॉपफेड के अध्यक्ष प्रकाश लोनारे, अशोक दबास, बी.पी. सिंह और एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश मिश्रा मौजूद थे।
दर्शकों में से कृभको के एमडी एन.साम्बशिवा राव, फिशकॉपफेड के एमडी बी.के. मिश्रा, नफकब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुभाष गुप्ता और अन्य लोग शामिल थे।
नैफेड के अध्यक्ष श्री बिजेंद्र सिंह ने कहा कि अगर किसी सहकारी संस्था में कुछ गलत होता है तो पुरा सहकारी क्षेत्र बदनाम होता है। इससे पहले डॉ दिनेश, मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने एनसीयूआई के सहकारी सप्ताह समारोह का महत्व बताया। इस अवसर पर “सहकारी” मुद्दों की एक पत्रिका का प्रकाशन भी हुआ।