एनसीयूआई के 61 वें सहकारी सप्ताह के समापन समारोह में इफको के प्रबंध निदेशक डां यू एस अवस्थी ने कहा कि सहकारी समिति को बदनाम करने के लिए निजी क्षेत्र द्वारा साजिश रची जा रही है। उदाहरण देते हुए कहा कि सहकारी समितियों बहुत सही ढंग से आपना कार्य करने में सक्षम हो रही है, लेकिन निजी कंपनिया सिर्फ मुनाफा कामने के लिए काम कर रही हैं। जहां-जहां सहकारी समिति अच्छा काम करती है, निजी क्षेत्र को अपना बोरिया- बिस्तर बांधने की नौबत आ जाती है।
निजी क्षेत्रों का टी.वी से लेकर समाचार पत्रों पर नियत्रंण है। सहकारी समितियों के खिलाफ अफवाह फैलाई जा रही है। अवस्थी ने कहा सरकार के आलवा हमारी कोई मदद नहीं कर सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक का जिक्र करते हुए, इफको के प्रबंध निदेशक ने कहा कि आरबीआई सहकारिता को कॉर्पोरेट्स नहीं मानती है जब्कि संविधान में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है, सहकारी एक “निगमित निकाय” है। अवस्थी ने पूछा क्या संसद से ऊपर भारतीय रिजर्व बैंक है।
पिछली सरकार के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि सहकारी समितियों को विदेशी कमाई का 30 फीसदी लाभांश देना होता है जब्कि निजी कंपनियां महज 15 प्रतिशत का लाभांश देता हैं। हमने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से इस मुद्दे पर पहल भी की थी लेकिन उन्होनें कोई जावब नहीं दिया।
आज इफको और कृभको अपने कारोबार का विस्तार करने की कोशिश करता है तो नियमों का घेरा उसे जकड़ लेता है। पिछले 8 वर्षों में इफको ओमान ने सरकार को 20,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया है क्या किसी भी निजी कंपनी ने ऐसा किया है। प्रबंध निदेशक ने पूछा।
अपने भाषण के अंत में अवस्थी ने बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए सहकारी दर्शकों का आह्वान किया। श्री अवस्थी ने बताया कि इफको आपने खर्च पर प्रौद्योगिकी के माध्यम से सभी सदस्यों से जुड़ रहा है।