केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने दिल्ली में शुक्रवार को एनसीयूआई के सहकारी सप्ताह के समापन समारोह में जमकर बोला।
किसी भी केंद्रीय मंत्री द्वारा काफी लंबे समय के बाद एनसीयूआई के समारोह में शिरकत की गई थी। श्री सिंह ने आपने भाषण से सभा में उत्साह और जोश का माहौल उत्पन्न कर दिया था। एनसीयूआई के अध्यक्ष चन्द्र पाल सिंह ने सभी सहकारी बन्धुओं की तरफ से मंत्री का स्वागत किया।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कुछ ऐसे मुद्दों पर प्रकाश डाला, जो सहकार में स्थपित नेतृत्व के लिए निश्चय ही खुश होने लायक नहीं था। उन्होंने कहा कि सहकारी नेता आजकल सदस्य़ से ज्यादा अपने परिवार के लाभ पर ध्यान देते हैं। सहकार का मतलब होता है “सहभागिता लेकिन कार्य ठीक इसके विपरीत हो रहे हैं।
हालांकि मैने मजाक मैं कहा था कि बिजेन्द्र सिंह नेफेड के अध्यक्ष है, जब्कि मुझे पता था की वे अब अध्यक्ष नहीं है। लेकिन ये आम जनता की सोच को बताता हैं जिनको लगता है कि एक ही व्यक्ति बार-बार अध्यक्ष नहीं चुना जाता है। लोगों में इस सोच को बदलने की जरुरत है, श्री सिंह ने कहा ।
केंद्रीय मंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारी आंदोलन एकेला तीन आयामी समस्यो का हाल कर सकते है, जैसे भुखमरी, बेरोजगारी और गरीबी। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से महिलाओं और युवाओं को ज्यादा से ज्यादा जोड़ा जाए। दर्शकों में से ज्यादातर युवाओं की उपस्थिति देखने को मिल रही है। भारत में 35 वर्ष से कम आयु वाले, युवाओं की लगभग 65 प्रतिशत आबादी है।
एनसीयूआई के अध्यक्ष चन्द्र पाल यादव ने कहा था कि भारत सरकार द्वारा पेश बजट में सहकारी क्षेत्र के बारे एक पंक्ति भी नही लिखी जाती है। इस विषय पर केंद्रीय मंत्री नें कहा कि प्रशिक्षण प्रयोजनोंयों के लिए भारत सरकार NCCT को अनुदान देती है और इस साल भी एनसीडीसी को 26,000 करोड़ रुपए की आर्थिक सहयाता प्रदान की गई है।
मंत्री ने एनसीसीटी को उसके प्रशिक्षण कार्यक्रमों और नई योजनाओं के लिए बधाई दी। जिससे एक बार फिर मोहन मिश्रा के वर्चस्व को बल मिला है।
दर्शकों को संबोंधित करते हुए उन्कहोंने कहा कि केंद्र 97 संशोधन को लेकर बहेद गंभीर है और इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को लेकर काफी बार केंद्र सरकार ने पहल की हैं।
मोदी का नारा “सबका साथ-सबका विकास’ देते हुए राधा मोहन सिंह ने आश्वासन दिया कि बहुराज्य सहकारी अधिनियम 2002 के संशोधन पर सबकी बारी बारी से राय ली जाएगी।
इस अवसर पर अन्य वक्ताओं में थे- चन्द्र पाल सिंह, डॉ यू.एस अवस्थी और बिजेन्दर सिंह। जी एच अमीन ने सबको अपना धन्यवाद दिया। बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री को मखाने की माला और प्रसिद्ध मधुबनी चित्रकला भेंट की हैं।