अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरक की कीमतों में उछाल होने के बावजूद इफको ने कुछ समय तक उर्वरक की कीमतों में वृद्धि नहीं करने का फैसला लिया हैं। दरसल अन्य कंपनियों द्वारा उर्वरक की कीमतों में लगातार वृद्धि करती जा रही है।
भारतीय सहकारिता ने इस विषय का रूख जानने के लिए इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस. अवस्थी को मेल भेजा था। अवस्थी ने आपने जवाब में कहा कि अपने जो जाना है वो सही है यानि की इफको कुछ समय तक उर्वरक की कीमतों में वृद्धि नहीं करेगा।
अतीत में इफको ने कई बार किसानों को उर्वरक की बढती कीमतों से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए है। कुछ साल पहले इफको के बोर्ड द्वारा किसानों को बचने में इसे लगभग 300 करोड़ रूपये का घटा सहना पड़ा था।
उर्वरक की कीमतों पर चौकसी रखने वालों का कहना है कि आगर कीमतों में वृद्धि होगी तो देश के कृषि क्षेत्र पर इस का बुरा प्रभाव पडे़गा। किसानों ने खेतों में गेहूं और दालों की फसलों की बुवाई भी शुरू कर दी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रमुख उर्वरक कंपनी कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड ने डीएपी की कीमत 1,000 रुपये प्रति टन बढा दी है और बाकी की कंपनियां भी दाम बढ़ने की तैयारी में है।