भारतीय रिजर्व बैंक ने पुणे स्थित रुपए सहकारी बैंक पर निर्देशन की तरीख को 22 नवंबर 2014 से लेकर 21 मई 2015 तक यानि छह महीने की अवधि के लिए बढा दिया है। गौरतलब है कि बैंक पर 22 फ़रवरी 2013 से निर्देशन जारी हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लगभग बीस महीने पहले रुपए सहकारी बैंक के निदेशक मंडल को निलंबित किया था और साथ ही बैंक पर कड़े नियम-कानून भी लागू कर दिया था।
रुपए सहकारी बैंक को सारस्वत बैंक के साथ विलय करने का प्रस्ताव भी अभी तक रूका हुआ है जब्कि इलाहाबाद बैंक के साथ बैंक को विलय करने का प्रस्ताव अध्यवसाय रिपोर्ट की वजह से बीच में ही अटका हुआ है।
बैंक को वित्त वर्ष 2013-14 के भीतर 613 करोड़ रुपए का घटा हुआ था। भारतीय रिजर्व बैंक ने गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की वज़ह से बैंक में पिछले साल प्रशासकों को नियुक्त किया था।
आरबीआई ने बैंक की 36 शाखाओं में से लगभग 6 लाख जमाकर्ताओं को बैंक से पैसा निकलाने पर रोक लगा दी है। चीनी आयुक्तालय के निदेशक संजय कुमार भोसले और विद्या सहकारी बैंक के अध्यक्ष विद्याधर आँस्कर को रुपए सहकारी बैंक के प्रशासक के तौर पर नियुक्त किया है।
इससे पहले नफकब के अध्यक्ष मुकुंद अभ्यंकर ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के साथ, बैठक के दौरान कहा था कि यदि रुपए सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द होता है तो पूरा यूसीबी क्षेत्र में सुनामी आ जाएगी।