उत्तर प्रदेश के मलिक मऊ में किसानों की एक जनसभा को संबोधित करते हुए इफको के प्रबंध निदेशक ने किसानों से कहा कि हमें मिट्टी को बचाने की बहुत जरूरत हैं। गौरतलब है कि जनसभा का आयोजन 5 दिसंबर को विश्व मिट्टी दिवस के दिन हुआ था। इस जनसभा में निदेशक के भाषण को सुनने के लिए काफी संख्या में किसान जमा हुए थे।
पठकों को पता होगा कि पिछले साल 68वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में 5 दिसंबर का दिन विश्व मिट्टी दिवस के रूप में मनाया जाना तय हुआ था। डॉ अवस्थी नें भारतीय सहकारिता को बताया कि इस सभा का उद्देश्य किसानों को मिट्टी के महत्व को लेकर जागरूक करना था।
बाद में डॉ अवस्थी ने सम्मेलन के बारे में ट्वीट कर कहा कि यूपी के मलिक मऊ में पर्यावरण और कृषि के विषय पर किसानों के एक सम्मेलन को संबोधित किया हूँ। इस सम्मेलन में पर्यावरण संरक्षण के लिए मिट्टी के महत्व पर बल दिया गया।
प्रबंध निदेशक ने किसानों को यूरिया का कम से कम प्रयोग करने का कहा। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बाढ़ आ सकती और हरियाली न होगी तो धरती बंजर हो जाएगी। इफको कार्बन प्रिंट को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। मिट्टी की रक्षा के लिए यूरिया को कम मात्रा में उपयोग करना बहुत जरूरी है।
इफको ने अतीत में “हमारी मिट्टी बचाओ अभियान” की शुरूआत की थी, जिसमें इफको ने रासायनिक उर्वरक पर किसानों की निर्भरता को कम करने पर बल दिया है।