नागपुर जिले के कई शहरी सहकारी समिति आज शक के घेरे में हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने हजारों सदस्यो के गाढ़ी कमाई के साथ धोखा-धड़ी किया है। पीडितों में ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक हैं।
हाल ही में शिवसेना की एक सदस्य ने विधान परिषद में कहा था कि जल्द से जल्द इस स्थिति से निपटने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जाए। उनका कहना है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच हो और साथ ही समितियों के निदेशकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
हालांकि, राज्य के सहकारिता मंत्री ने कहा कि ऐसे हर मामले में निदेशक मंडल को बर्खास्त कर दिया गया है और इन समितियों में प्रशासकों को नियुक्त किया गया है। उन्होनें ये भी कहा कि सहकारी विभाग ने दोषियों के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करा दी है।
सूत्रों से पता चला कि 74 निदेशकों और 3 कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मामले के तहत केस दर्ज किया गया है।