एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सहकारी बैंकों पर आयकर मामले में कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने केंद्र के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय पर जल्द ही कोई कारवाई नहीं की गई तो वह दिन दूर नहीं जब सहकारी बैंकों पर सेवा कर का बोझ भी लागू हो जाएगा।
गौरतलब है कि यूपीए सरकार ने लगभग एक दशक पहले सहकारी संस्था पर आयकर लागू किया था, जिसका पूरजोड़ विरोध होता रहा है।
राज्यपाल ने सहकारी बैंकों से जुड़े लोगों को आह्वान किया कि वे इसका विरोध करें। गौरतलब है कि राज्यपाल ने शहरी सहकारी बैंक के एक समारोह का उद्घाटन करने के बाद अपने विचार रखे।
राज्यपाल ने कहा कि सहकारी बैंक ज्यादातर गरीब लोगों की सेवा करती है और केंद्र सरकार को सहकारी बैंकों पर से कर का बोझ खत्म कर देना चाहिए। राज्यपाल ने लोगों से यहां तक कहा है कि चुनाव में सरकार को तबतक वोट न दे जब तक सहकारी बैंकों के ऊपर से कर को हटा नहीं लिया जाता है।
सहकारी क्षेत्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनजीवित करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। श्री वाला ने वर्गीज कुरियन का उदाहरण देते हुए कहा कि कुरियन ने डेयरी क्षेत्र के मध्यम से गुजरात की अर्थव्यवस्था को सुधारने में बहुत योगदान दिया है।
राज्यपाल ने कहा कि बैंक अपने कामकाजों में आधुनिक तकनीक का उपयोग करें।