सूरत जिला सहकारी संघ ने पिछले महीने गुजरात के सूरत में एक सहकारी सम्मेलन का आयोजन किया था। इस सम्मेलन में किसानों के साथ-साथ राष्ट्रीय और राज्य के कई दिग्गज सहकारी नेताओं ने हिस्सा लिया। इस सहकारी सम्मेलन का आयोजन मलिबा विश्वविद्यालय मे किया गया और यह 16वां जिला सहकारी सम्मेलन था।
सम्मेलन में एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्र पाल सिंह यादव, कृभको और नेफेड के अध्यक्ष वागची भाई पटेल, एनसीयूआई के उपाध्यक्ष श्री घनश्यामभाई अमिन, गुजरात राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष परेश पटेल, कृभको के निदेशक, बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील सिंह, गुजरात राज्य चीनी सहकारी संघ के अध्यक्ष श्री मनसिंह भाई समेत कई लोगों ने शिरकत की।
एनसीयूआई अध्यक्ष और आईसीए (ए-पी) बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री चंद्र पाल सिंह यादव ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। सिंह ने कहा कि भारतीय सहकारी आंदोलन विश्व का सबसे बड़ा आंदोलन है और हर एक क्षेत्र किसी न किसी रूप में सहकारिता से जुड़ा हुआ है। देश की लगभग 60 से 70 प्रतिशत आबादी किसानों की है और सहकारी समितियां किसानों को लाभ पहुंचाने में सक्रिय रही हैं। उन्होनें कहा कि किसानों को सहकारी मॉडल पर विश्वास है कि सहकारिता के मध्यम से उन्हें उत्पादन की अच्छी दर मिल सकती है।
इस मौके पर महिलाओं की ज्यादा संख्यों को देखकर चंद्र पाल सिंह ने कहा कि गुजरात के आलावा कोई भी ऐसा राज्य नहीं है जहां इतनी संख्यां में सहकारी आंदोलन में महिलाओं जुड़ी हुई हों। महिलाओं की भागीदारी से सहकारी आंदोलन मजबूत हो सकता है, सिंह ने कहा।
एनसीयूआई के अध्यक्ष ने किसानों को एकजुट होने को कहा और कहा कि हमें मिलकर सहकारी समितियों पर से डायरेक्ट टैक्स कोड का बोझ खत्म करना है।
इस अवसर पर गुजरात के सहकारी आंदोलन पर आधारित एक पुस्तक का शुंभारंभ हुआ, जिसका शीर्षक “सहकारी प्रवृति नी विटेली क्षणों” है। पुस्तक में सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाने में जिन-जिन लोगों ने अपना जीवन न्योछावर किया उनका विवरण मौजूद है।
पुस्तक का शुभारंभ करते हुए कृभको और नेफेड के अध्यक्ष वागची भाई पटेल ने कहा कि गुजरात राज्य के कई दिग्गज नेताओं ने सहकारी आंदोलन को देश में सक्रिय बनाने के लिए अपना योगदान दिया है।
इस अवसर पर गुजरात राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष श्री धनश्यामभाई अमिन ने कहा कि सहकारी समितियों में व्यावसायिकता और प्रशिक्षण पर बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने सूरत जिला सहकारी संघ को 16वें जिला सहकारी सम्मेलन आयोजित करने के लिए बधाई दी और कहा कि सूरत जिला सहकारी संघ, राज्य संघ से संबद्द 21 संघों में सबसे जीवंत संघ है।
गुजरात राज्य चीनी सहकारी संघ के अध्यक्ष श्री मनसिंभाई ने कहा कि सहकारी समितियों को लक्ष्य हासिल करने के लिए एक दस्तावेज़ तैयार करना चाहिए। गुजरात का चीनी उद्योग ज्यादातर सहकारी समितियों पर आधारित है। लेकिन उन्होने यह भी कहा कि आयकर की वजह से चीनी सहकारी समितियों और किसानों की आय पर प्रभाव पड़ा है।
कृभको के निदेशक परेश पटेल ने भी सहकारी आंदोलन को मजबूत करने पर बल दिया। सूरत जिला सहकारी संघ के अध्यक्ष भीखूभाई पटेल द्वारा इस सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सम्मेलन को संबोधित करते हुए पटेल ने कहा कि गुजरात का सहकारी आंदोलन सर्वसम्मति से हमेशा सहकारी नेतृत्व में विश्वास रखता है।
इस जिला सहकारी सम्मेलन में किसानों ने बढ-चढ़कर हिस्सा लिया था। सहकारी सिंचाई संघ के अध्यक्ष श्री बाबू भाई पटेल ने सबको सहकारी सम्मेलन का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद दिया है।