सीकेपी सहकारी बैंक के जमाकर्ताओं ने अपनी महेनत की कमाई को बचाने के लिए भाजपा सरकार से बैंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। बैंक के जमाकर्ता चाहते है कि दंड के अलावा, दोषियों और उनके परिवारों को बैंकिंग सुविधाओं से भी वंचित किया जाना चाहिए।
भारतीय सहकारिता को एक जमाकर्ता ने बताया कि एमएनएस के कुछ नेताओं जैसे सीकेपी बैंक के पूर्व निदेशक श्री वैद्ध, श्री शिरोडकर और श्री सरदेसाई ने ऋण लेकर बैंक को लूटा है।
इन नेताओं को भाजपा सरकार और महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस द्वारा जल्द से जल्द सजा देनी चाहिए। दरसल यह वे नेता है जिन्होनें हाल ही में हुए विधान सभा चुनाव में करारी हार का सामना किया था।
जमाकर्ताओं ने इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक को भी दोषी ठहराया और कहा कि इतने दिनों से आरबीआई कहां सो रही थी जब इन नेताओं ने धोखा किया था। उन्होनें पूछा कि आरबीआई ने बैंक की मासिक वित्तीय स्थिति की घोषणा क्यों नहीं की?
जमाकर्ताओं का कहना है कि दोषियों और इनके परिवारों को देश के किसी भी बैंक में बैंकिंग सुविधाएं प्रदान नहीं की जानी चाहिए और इन सभी आरोपियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए वहीं निदेशकों की संपत्ति को जमाकर्ता को सौंप देनी चाहिए।
गौरतलब है कि आरबीआई ने मुंबई स्थित सीकेपी बैंक पर छह महिने की अवधि के लिए निर्देशन जारी किया था।
भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रेस विज्ञप्ति मे कहा है कि जबतक बैंक की वित्तिय स्थिति ठीक नहीं हो जाती तबतक बैंक आपना करोबार करने में सक्षम नहीं है।