एनडीए सरकार पर एनसीयूआई के अध्यक्ष डॉ चंद्र पाल सिंह यादव ने हमला बोलते हुए कहा कि सरकार का प्रसिद्ध नारा “सबका साथ और सबका विकास” इस बार के केंद्रीय बजट में दूर-दूर तक नहीं दिखा। गौरतलब है कि यादव केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जटेली द्वारा पेश किए गए बजट पर बोल रहे थे।
सिंह ने कहा कि बजट में कॉरपोरेटरों के ऊपर से कर की छूट पर बात कही गई है लेकिन सहकारी क्षेत्र से कर के बोझ को खत्म करने के लिए कुछ नहीं कहा गया। गौरतलब है कि कॉरोपोरेट कुछ चुनिंदा लोगों के हितों के लिए कार्य करती है जब्कि सहकारिता पुरे समाज के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य करती है, चंद्र पाल ने कहा।
एनसीयूआई के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इस मुद्दे को लेकर मैं संसद में चर्चा करूंगा।। सिंह ऐसा करने में समर्थ है क्योंकि वह अब राज्य सभा के सदस्य बन गए है।
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए चंद्र पाल ने कहा कि बजट में यूरीया कीमतों में कोई बढतरी नही की गई। आज उर्वरक सहकारी समितियां मुश्किल में है क्योंकि इन समितियों का सरकार के पास 5000 करोंड़ रूपए से ज्यादा की धन राशि लंबित है, चंद्र पाल जो कि कृभको के नव निर्वाचित अध्यक्ष है।
बजट में सभी क्षेत्रों के लिए कुछ न कुछ किया गया लेकिन हर बार की तरह इस बार भी सहकारिता के बारे में कुछ नहीं कहा गया। 2015 के केंद्रीय बजट में सहकारिता को न ही कर पर कोई छूट और न ही कोई सब्सिडी मिली, चंद्रपाल ने अफसोस जताते हुए कहा।