पटना उच्च न्यायलय के पिछले सप्ताह बिस्कॉमान में चल रही चुनाव की प्रक्रिया पर अंतरिम आदेश से दुविधा जैसी स्थिति भले ही पैदा हो गई हो, लेकिन इससे अभी चल रहे चुनाव पर कोई असर नहीं हुआ है। गौरतलब है कि इस चुनाव में अनुचित साधनों के इस्तेमाल के बारे में आरोप लगते रहे हैं।
फिलहाल पटना उच्च न्यायालय ने चल रहे चुनाव के बारे में कुछ नहीं कहा। लेकिन कुछ महीने पहले केंद्रीय पंजीयक द्वारा बिस्कोमॉन को बहुराज्य सहकारी समिति का दर्ज दिए जाने पर न्यायालय ने रोक लगा दी है।
हालांकि कोर्ट के आदेश से इस चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ा है, लेकिन बिस्कोमॉन ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
हालांकि आरोप और प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, बिस्कोमॉन में 20 अप्रैल को चुनाव होने है और चुनाव में निवर्तमान अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह पर हेरा-फेरी का आरोप लगाया जा रहा है। 70 प्रतिशत से अधिक कारपोर्रेटर को चुनाव के बारे में सूचित भी नहीं किया गया और प्रभात अखबार में एक छोटा सा विज्ञापन इस तरह पेश किया गया कि लोग उसे पढ़ नहीं सके, भारतीय सहकारिता की एक रिपोर्ट, जिसमें सुनील सिंह ने बिस्कोमॉन से निष्पक्ष चुनाव में लोगों से सबक सिखने की बात कही थी, उसको मद्देनजर रखते हुए विनय शाही ने कई आरोप लगाएं है।
सिंह ने खंडन करते हुए कहा कि हमने साधारण डाक द्वारा पत्र नहीं भेजा बल्कि पंजीकृत डाक द्वारा पत्र भेजा था और प्रभात आखबर झारखंड राज्य का आग्रणी अखबार है। हमारा विज्ञापन दैनिक जागरण-बिहार और झारखंड के प्रमुख समाचार पत्र प्रभात खबर दोनों में छपा था।
सुनील सिंह के मुताबिक शाही को बहुराज्य सहकारी अधिनियम के बारे में कुछ भी ज्ञान नहीं है, राज्यों के विभाजन की स्थिति में दोनों राज्यों की सहकारी समितियां अपने आप बहु राज्य इकाई हो जाती है, सुनील ने कहा।
विनय शाही जो कि बिहार राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष है, ने कहा कि सुनील केंद्रीय रजिस्ट्रार और आसानी से प्रभावित होने वाले चुनाव अधिकारियों के जरिये इस चुनाव को अपने पक्ष में करना चाहते है।
‘क्या आर.के.सिंह सेवानिवृत्त अधिकारी है या फिर सहकारी सेवाओं की पृष्ठभूमि के अधिकारी है? वह कई जिलों के पुलिस अधिक्षक रहें है’और एक नामी आदमी है, सुनील ने जवाब दिया।
‘क्या मैं संसद द्वारा पारित बहु राज्य सहकारी समिति के बोर्ड के चुनाव अधिकारी नियुक्ति करने के अधिकार को बदल सकता हूं? अगर शाही को इस पर आपत्ति है तो मै क्या कर सकता हूं, श्री सिंह ने आगे कहा।
शाही ने इन तर्कों को बेबुनियाद बताया और कहा कि बिहार राज्य का 70 प्रतिशत शेयर बिस्कोमॉन में है और झारखंड का 19 प्रतिशत । मौजूदा बोर्ड को दोनो राज्यों से बकाया राशि लेनी है। बहु राज्य समिति घोषित करने से पहले और फिर एमएससीएस अधिनियम के दायरे में चुनाव करवाना है, शाही ने जोरदेकर कहा।
हमला बोलते हुए शाही ने कहा कि बिस्कोमॉन के पास अभी कोई भी काम नही है और बिस्कोमॉन की संपत्ति को निजि पार्टियों के हाथ किराए पर देने में बिस्कोमॉन के वर्तमान अध्यक्ष अपना निहित का स्वार्थ है। बिस्कोम़ॉन के लगभग सभी जिलों में कार्यलय है और दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी स्थित गेस्ट हाउस को सुनील अपने व्यक्तिगत लाभ लिए उपयोग कर रहे है।
सिंह ने शाही पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं कम से कम किराया तो वसूल रहा हूं और सहकारी के लिए लाभ अर्जित कर रहा हूं, वह संघ के हित में क्या करता है?
शाही आदतन परेशानी पैदा करने वाला व्यक्ति है, मैंने अतीत में कई बार उसे हराया है, वह विशाल सिंह से पैसे लेकर हम लोगों को तंग करने का काम करता है, सुनील ने कहा।