अशोक दबास ने हाल ही में आयोजित दिल्ली स्थित सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीयूआई के चुनाव में गड़बड़ी को लेकर चुनाव याचिका दायर की है। यह याचिका केंद्रीय रजिस्ट्रार के विचारार्थ दायर की गई है।
हां मैंनें याचिका दायर की है और चुनाव में धांधलीबाजी को लेकर मैनें चुनाव याचिका दायर की है, दबास ने भारतीय सहकारिता से इस खबर की पुष्टि की। दबास ने आरोप लगाया कि चुनाव में निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति, प्रतिनिधियों का चुनाव और निदेशकों का अंतिम चुनाव सब कुछ पहले से ही निर्धारित था।
हालांकि दबास ने केंद्रीय पंजीयक से मुलाकात नहीं की और याचिका को कृषि और सहकारिता मंत्रालय के निचली मंजिल पर स्थित रजिस्ट्री कक्ष में प्रस्तुत की है। रजिस्ट्री कक्ष मंत्रालय की रिकॉर्ड बुक के रूप में कार्य करता है।
दबास ने याचिका का ब्यौरा देने से साफ इनकार किया और कहा है कि जबतक प्रशासक नियुक्त नहीं किये जाते तबतक मैं आपको कोई सूचना नहीं दूंगा।
इससे पहले अशोक दबास ने कहा था कि चुनाव अधिकारी वी.पी.सिंह एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव की निजी पसंद थे। वहीं लखन लाल साहू के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि साहू को मतदाता सूची से पूर्वनियोजित तरीके से हटाया गया।
उन्होंने आरोप लगाया था कि सहकारी समितियों पर बकाया एक लाख रूपये की राशि को नकदी के रूप में लिया गया था लेकिन उन्हें लगा कि यह सही नहीं था। इसके अलावा दबास को लगा कि शासी परिषद के सदस्यों को प्रचार के लिए दस दिन दिये गये थे जबकि दूसरे दावेदारों को इस सुविधा से वंचित रखा गया था।
पाठकों को याद होगा कि दबास पर एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्र पाल सिंह यादव की विशेष कृपा रहती थी लेकिन बाद में दबास का उनसे मनमुटाव हो गया था। दबास एनसीयूआई बोर्ड का चुनाव का हार गये थे।