एनसीयूआई भवन में हाल ही आयोजित चुनाव को लेकर अशोक दबास द्वारा केंद्रीय पंजीयक का दरवाजा खटखटाने वाली खबर एनसीयूआई के अध्यक्ष डॉ चंद्रपाल सिंह यादव को बिल्कुल भी आश्चर्य जनक नहीं लगी। एनसीयूआई में 16 मार्च 2015 के चुनाव में अशोक दबास संस्था के निदेशकमंडल का चुनाव हार गये थे।
“मैं जानता था कि वह ऐसा करेंगे” भारतीय सहकारिता से श्री यादव ने फोन पर यह बात कहीं। यादव ने कहा कि जब दबास ने नामंकन पत्र दाखिल किया था, तो हमने अनुमान लगा लिया था कि अगर वह जीतते हैं तो कोई याचिका दायर नहीं करेंगे लेकिन अगर वह चुनाव हारे तो वह इसको लेकर केस दर्ज करेंगे।
यादव ने आत्मविश्वास से कहा कि “हम तैयार है”।
मैं उनके न्यायालय जाने के अधिकार का आदर करता हूं। अनुभाग अधिकारी को उनके मामले की जांच करने दीजिए, हम वक्त आने पर जवाब देंगे, यादव ने कहा|
मैं आपके माध्यम से कहना चाहता हूं कि चुनाव को स्वतंत्र और पारदर्शी तरीके से संचालन करने को लेकर एनसीयूआई वर्तमान सरकार को धन्यवाद देता है।
चंद्रपाल ने पहले ही अशोक दबास द्वारा उनके प्रति चुनाव अधिकारी से लेकर लखन लाल साहू के मुद्दे सहित बकाया राशि को नकदी के रूप में लिये जाने जैसे कई आरोपों का खंडन किया था।
वी.पी सिंह की नियुक्ति पर यादव ने कहा कि सिंह को बोर्ड द्वारा प्ररित संकल्प के आधार पर नियुक्त किया गया था। साहू के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह चुनाव अधिकारी का निर्णय था, लेकिन क्योंकि मैं इस केस को जनता हूं तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि धारा 38(2) और (3) के तहत जहां बोर्ड नहीं होती वहां प्रशासक सोसायटी का प्रतिनिधित्व करता है।