महाराष्ट्र के सहकारिता मंत्री चंद्रकांत पाटिल और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार समेत अन्य प्रतिनिधियों ने गन्ना किसानों को उचित और लाभकारी दाम (एफआरपी) पर भुगतान के मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जटेली से मुलाकात की।
आईएसएमए के आंकड़ो के अनुसार देशभर की एक चौथाई मिलें घाटे में चल रही है और अगली ऋतु आते-आते गन्ने की पर्याप्त पेराई नहीं हो सकेगी। महाराष्ट्र राज्य मे 80 से अधिक मिल घाटे में चल रही है।
इस प्रतिनिधिमंडल में महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी उद्योग संघ के अध्यक्ष विजयसिंह मोहिते पाटिल, श्री रेणुका चीनी मिल के अध्यक्ष नरेंद्र मुरकुम्बी, इंडियन चीनी मिल संघ के महानिदेशक अबिनाश वर्मा शामिल थे।
चंद्रकांत पाटिल ने फाइनेंसियल एक्सप्रेस अखबार से कहा कि चीनी मिलों एफआरपी के मौजूदा मूल्य यानि 21 प्रति किलो का भुगतान करने में सक्षम नही है और अगर इसमे परिवर्तन किया जाये तो इससे चीनी मिलों को फयादा मिल सकता है। इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल ने इथेनॉल के उत्पादन और इथेनॉल को 7 रूपये लीटर दिये जाने की मांग की।
प्रतिनिधियों ने मौजूदा ऋण के भुगतान के समय में परिवर्तन करने की मांग की। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने हाल ही में 2000 करोड़ रूपय बिना ब्याज दर देने की घोषणा की है।