नेपाल में शनिवार को आए भूकंप से चार देशों में करीब 918 लोगों के मरने की आशंका जाताई जा रही है। किसानों की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको ने लोगों की मौत और संपत्ति के भारी नुकसान पर गहरा शोक प्रकट किया है।
इफको के एम.डी डॉ यू.एस.अवस्थी ने ट्वीट में लिखा कि “इफको नेपाल और मध्य भारत में आए भीषण भूकंप से लोगों की मौत और संपत्ति के नुकसान पर दुख व्यक्त करता है”।
नेपाल गृह मंत्रालय के अनुसार, इस भूकंप से अब तक कम से कम 876 लोगों के मरने की पुष्टि की गई है जबकि भारत में 34 तिब्बत में छह और बांग्लादेश में दो लोगों की मौत हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्तकाल भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव दल भेजा है और नेपाल में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए उचित व्यवस्था का इंतजाम करने का आदेश दिया है।
भूकंप के झटकें उत्तर भारत के कई शहरों समेत पाकिस्तान के लाहौर, तिब्बत के ल्हासा, और बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भी महसूस किये गये। भूकंप के बाद काठमांडू स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी बंद कर दिया गया था।
भूकंप का केंद्र नेपाल की राजधानी काठमांडू से 80 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में था और इसकी गहराई 11 किलोमीटर थी। कहा जाता है कि भूकंप की जितनी कम गहराई होती है वे उतना ही अधिक विनाशकारी होता है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भूकंप के झटकों से कई मिनटों तक धरती कांपती रही।