शहरी सहकारी बैंकों और क्रेडिट सोसायटियों की राष्ट्रीय संस्था नफ्कब के अध्यक्ष डॉ मुकुंद अभ्यंकर इन दिनों काफी व्यस्त है क्योंकि नफ्कब जून में दिल्ली में शहरी सहकारी बैंकों का मेगा सम्मेलन आयोजन करने जा रहा है।
नफ्कब के अध्यक्ष ने इस मेगा सम्मलेन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें इस समारोह का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया है। इस बीच उन्हें रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन द्वारा सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि भी प्राप्त हुई है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर का समारोह में भाग लेना बड़ी बात है और यह हमारे मनोबल को बढ़ता है, अभ्यंकर ने गर्व से कहा। श्री राजन द्वारा निमंत्रण स्वीकार करना हमारे लिए गर्व की बात है। इसका मतलब साफ है कि सरकार की वित्तीय योजनाओं में शहरी सहकारी बैंकों की अहम भूमिका है।
गौरतलब है कि दिल्ली के श्री फोर्ट ऑडिटोरियम में समारोह का आयोजन 6 और 7 जून को किया जाना है लेकिन प्रधानमंत्री के व्यस्त कार्यक्रम को मद्देनजर रखते हुये तारीखों में परिवर्तन किया जा सकता है। मोदी ने नफ्कब के अध्यक्ष से कहा है कि इस सम्मेलन में अरुण जेटली को भी काम से काम आवजी के रूप में आने का न्यौता दिया जाये।
नफ्कब के अध्यक्ष ने कहा कि जेटली ने हमारे निमंत्रण पत्र को स्वीकार किया है। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने भी इस समारोह में भाग लेने पर सहमति दे दी है, उन्होंने कहा।
यूसीबी सम्मेलन की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि बजटीय बाधाएं को देखते हुए आयकर विभाग ने सहकारी बैंक से कहा है वे 10,000 रूपए का ब्याज प्राप्त करने वाले खाताधारकों से टीडीएस में कटोती करें और बैंक के शेयरधारकों से भी टीडीएस कटा जाएं, जिन्हें बैंक उनकी शेयर पूंजी पर ब्याज प्रदान करता है।
इसके अलावा सम्मेलन में सहकारी समितियों के ऊपर से आयकर के बोझ को खत्म करने के विषय पर भी चर्चा हो सकती है, जिसको हटाने की मांग दिग्गज सहकारी नेता बार-बार करते रहे हैं। इससे पहले डॉ मुकुंद अभ्यंकर ने नई दिल्ली में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की अध्यक्ष अनीता कपूर से मुलाकात की। इसकी तत्काल बाद ही सतीश मराठे और प्रतिनिधियों ने भी अरुण जटेली से कुछ दिन पहले सहकारी समितियों पर आयकर के मुद्दे को लेकर मुलाकात की थी।
समारोह में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की उपस्थिति से पूरे शहरी सहकारी बैंकिग क्षेत्र की जुड़ी समस्याओं को सरकार के सामने रखा जाएगा और यही कारण है की डॉ. अभयंकर इस सम्मलेन के बारे में इतना उत्साहित दिख रहे हैं।