हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाने पर बल दिया और कहा कि सरकार कक्षा सातवीं से दसवीं के सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में सहकारी आंदोलन पर अधारित एक चैप्टर को शामिल करेगा, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने खबर की पुष्टि की।
मुख्यमंत्री विरभद्र सिंह ने राज्य सहकारी बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि सहकारी आंदोलन ने लोगों को विभिन्न आवश्यक सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और समितियों की गतिविधियों के विस्तार और उनमें विविधता उत्पन करने के लिए नई पहल की जा रही हैं जैसे रिक्त पदों में योग्य लोगों को नियुक्त करना, बुनियादी ढांचे को मजबूत करना आदि।
हिमाचल के मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग में निरीक्षकों के 120 पद और क्लर्कों के 60 पदों को भरने की मंजूरी दे दी हैं।
गौरतलब है कि राज्य की लगभग 4,800 सहकारी समितियों में 16 लाख से अधिक सदस्य है, और इन समितियां की पूंजी करीब 22,000 करोड़ रूपए की हैं। राज्य की सौ प्रतिशत आबादी सहकारिता से जुड़े हुयी है। सहकारी समितियां कृषि उत्पाक, उर्वरक, कृषि उपकरण और राज्य के लोगों के लिए अन्य आवश्यक वस्तुओं का विपणन करने में सहायता कर रही हैं, मुख्यमंत्री ने कहा।
सरकार सहकारी समितियों को धारा 18 के तहत भूमि काश्तकारी और भूमि सुधार में छूट देने पर विचार करेगी और राज्य के बाहर के सदस्यों पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार करेगा, विरभद्र सिंह ने कहा।
मुख्यमंत्री के मुताबिक कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के 252 पदों को भरने की स्वीकृति दे दी गई है और शेष पदों को जल्द ही भरा जाएगा।