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किसान तबतक है जबतक सहकारिता है: इफको के प्रबंध निदेशक ने एजीएम में कहा

किसानों की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको ने गुरुवार को नई दिल्ली में 44वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में प्रतिनिधियों के बीच आशावाद का माहौल देखने को मिला। प्रतिनिधियों के बीच गर्व और उपलब्धि की भावना आसानी से देखी जा सकती था क्योंकि इफको ने प्रतिकूल घरेलू और वैश्विक वातावरण होने के बावजूद भी अपने कारोबार में सबसे अधिक वृद्धि की है जिससे प्रतिनिधि गण काफी उत्साहित थे।

सहकारी संस्था इफको ने अपने सदस्य सोसायटियों के खातों में 20 प्रतिशत लाभांश का ऑनलाइन हस्तांतरण किया है। इस ऑनलाइन हस्तांतरण से एजीएम के दौरान प्रतिनिधियों के मोबाइल फोन पर खातें में पैसे जमा होने के संदेश से प्रतिनिधि काफी खुश थे।

टेक्नोलॉजी के साथ काम करने की दिशा में इफको एजीएम में एक ट्वीटर स्टाल लगाया गया था और प्रतिनिधियों के साथ प्रभावी सम्प्रेषण संभव हुआ। इफको के एमडी डॉ यू.एस.अवस्थी टेक्नोलॉजी के समर्थक के रूप में इस अभियान की अगुवाई करते रहे हैं, सूत्रों ने भारतीय सहकारिता को बताया।

इफको के अध्यक्ष श्री बी.एस.नकई ने एनसीयूआई के सभागार में अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि इफको बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इफको ने वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान 1,040 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया है। लेकिन अध्यक्ष द्वारा की गई घोषणा कि डॉ अवस्थी को अगले पांच सालों के लिए बोर्ड द्वारा फिर से नियुक्त किया गया है, इस घोषणा ने प्रतिनिधियों में उमंग और उल्लास का माहौल उत्पन्न कर दिया था।

श्री नकई ने गर्व से कहा कि हाल ही में अंतराष्ट्रीय संगठन “सहकारी मॉनिटर” ने इफको को विश्व की सबसे बड़ी किसानों की सहकारी संस्था घोषित की है। उन्होंने कहा कि हम 14 साल से लगातर 20 प्रतिशत का लाभांश अपने प्रतिनिधियों को दे रहे हैं।

मोदी सरकार द्वारा किसानों को सीधा सब्सिडी के हस्तांतरण पर बोलते हुये इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी ने कहा कि मोबाइल बैंकिंग हमारा भविष्य है और इसके लिये हमें अपने आप को मोबाइल बैंकिंग से जोड़ना होगा। हमने 35,550 सोसायटियों में से 30,800 सोसायटियों को मोबाइल बैंकिंग के बल पर लाभांश का स्थानांतरण किया है। उन्होंने शेष सदस्य समितियों से आह्वान किया कि वे इलेक्ट्रॉनिक नंबर प्राप्त करने के लिए अपने क्षेत्र प्रबंधन या ऑनलाइन के जरिए मुझसे संपर्क कर सकते है।

प्रत्यक्ष सब्सिडी के लाभ पर प्रकाश डालते हुये अवस्थी ने कहा कि मोदी सरकार का यह कदम बेहद सराहनीय है और इफको इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन करता है। उन्होंने किसानों से आगाह किया कि जो सब्सिडी के तौर पर रुपए आपके खाते में हस्तांतरण किये जाएंगे उन पैसों का इस्तेमाल उर्वरक खरीदने पर खर्च किया जाये तो इससे किसानों की जीवन-स्थितियों में काफी सुधार हो सकता हैं।

यूरिया के अत्यधिक उपयोग के विषय पर बोलते हुये इफको के प्रबंध निदेशक ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, आंध्रा प्रदेश, राजस्थान, राज्यों में यूरिया का अत्यधिक उपयोग किया जा रहा है जिससे इन राज्यों की फसल काफी प्रभावित हो रही है। उन्होंने हाल ही के अनुभवों का हवाला देते हुये कहा कि जहां यूरिया का कम इस्तेमाल हुय हैं वहां मिट्टी बाढ़ से लड़ने में अधिक  सक्षम हैं।

एजीएम को मालिकों की सभा बताते हुये इफको के एमडी ने प्रतिनिधियों से कहा कि इफको किसान संचार लिमिटेड के माध्यम से केंद्र सरकार और राज्य सरकार के लिए शिकायतों और सुझाव दर्ज कराने के लिये व स्वतंत्र है। आप अतीत में सीधे मुझे पत्र लिखकर सुझाव भेजा करते थे और आपसे इस तरह के पत्रों का भविष्य में भी स्वागत करता हूं। हम मामले को संबंधित सरकार के समक्ष पेश करने का प्रयास करेंगे, उन्होंने कहा।

किसान इफको की गतिविधियों का केंद्र है और हम कैसे उनके जीवन में सुधार ला सकते है उसके बारे में वक्त-वक्त पर सोच-विचार करते रहते हैं। हमने इफको-टोकियो के प्रबंध निदेशक को आमंत्रित किया है कि कैसे हम बीमा के जरिए आपके घरों, आपके जीवन को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं। इफको-टोकियो ने ग्रमीण क्षेत्रों के लिये बीमा योजनाएं की शुरूआत की है, एमडी ने कहा।

इफको के प्रबंध निदेशक ने कई मुद्दे पर प्रकाश डाला जैसे व्यापार मॉडल की व्यवहार्यता की आवश्यकता और सदस्यों  से सहयोग आदि। उन्होंने जॉर्डन टीम की सराहना करते हुये कहा आईएसआईएस जैसे आंतकी संगठन की छाया होने के बावजूद जॉर्डन उत्पादन करने में सक्षम हैं।

यह मत सोचिए की उन्हें इसलिये आईसीए बोर्ड के लिये नियुक्त किया गया है कि वह एक प्रसिद्ध राजनीतिक परिवार से ताल्लुकात रखते है; उन्हें अपने कठोर परिश्रम, समर्पण के बल पर नियुक्त किया गया है, अवस्थी ने आदित्य यादव की चर्चा करते हुये कहा।

किसान और सहकारी समिति ही एमडी के भाषण का अहम बिंदु था। उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन जबतक है तबतक किसान है। भारत सहकारी आंदोलन को अनदेखा नहीं कर सकता और उन सरकारों ने जिन्होंने सहकारी आंदोलन को बढावा दिया है, उन्होंने अतीत में अच्छा प्रर्दशन किया है।

इफको के उपाध्यक्ष एन.पी.पटेल ने सबका धन्यवाद किया।

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