किसानों को सीधा सब्सिडी हस्तातंरण पर आवाज उठाने वाली किसानों की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको ने इसको सफल बनाने के लिये सभी संभव सहायता प्रदान करने की पेशकश की है।
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी ने कहा कि इफको किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए तैयार है। इफको स्वाइप मशीन और अन्य वस्तुओं पर वित्त सहायता प्रदान करके अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को साकार करना चाहती है।
इस मौके पर डॉ यू.एस.अवस्थी ने ट्वीट में लिखा कि “इफको सहकारी समितियों को स्वाइप मशीन सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं एवं प्रशिक्षण के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करेगा”।
इससे पहले अवस्थी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के मुद्दे पर कहा था कि उर्वरक सब्सिडी प्रदान करना किसानों के लिये एक व्यवहारिक प्रस्ताव है और नरेंद्र मोदी सरकार इसके कार्यान्वयन के लिये समय बर्बाद नहीं करना चाहती है।
डीबीटी रोकने के लिए लोग सभी प्रकार के संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि आज खेती काश्तकार किसानों द्वारा की जा रही है या फिर उन्हें लगता है कि शेयरक्रोप्पेर जमीन के मालिक नहीं है। लेकिन इन मुद्दों को आसानी से संबोधित किया जा रहा है, उन्होंने कहा।
एक अन्य ट्वीट में डॉ यू.एस.अवस्थी ने लिखा कि “उर्वरक सब्सिडी किसानों के लिये एक संभव प्रस्ताव है। हमारे किसानों के लाभ के लिये सोचा जाए”।
हाल ही में मोदी सरकार ने पायलट परियोजनाओं का शुभारंभ करके गुजरात और ओडिशा के कुछ जिलों में किसानों को सीधे नकद हस्तांतरण की शुरूआत की है।
इससे पहले एनडीए सरकार ने रसोई गैस पर 10 करोड़ रुपय सब्सिडी के तौर पर प्रदान करने की घोषणा की थी। इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी लंबे समय से डीबीटी की मांग को दोहराते रहे हैं। डॉ अवस्थी सरकार के इस कदम से उत्साहित होकर उन्होंने ढांचागत आदानों की सहायता से इसका संचालन करने की पेशकश की है।