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सहकारी संस्थाएं मुख्य रूप से किसानों के लिए: कुंदरिया

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री मोहनभाई कल्याणजी भाई कुंदरिया ने कहा कि यहां आप में से कई विचार मंथन में हैं और आपका निष्कर्ष किसानों को उनके कृषि उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर सकता हैं।

सहकारी प्रशिक्षण की शीर्ष संस्था एनसीसीटी द्वारा सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित “ट्रैन द ट्रेनर” कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के मौक पर कुंदरिया ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा। इस बैठक में एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी डॉ दिनेश, एनसीसीटी के सचिव श्री मोहन मिश्रा सहित अन्य हाई प्रोफाइल अधिकारियों ने शिरकत की।

इस कार्यक्रम में देश-भर स्थित विभिन्न आईसीएमएस और आईसीएम के लगभग 20 संकाय सदस्यों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम को प्रशिक्षण के लिये भारतीय सोसायटी और दिल्ली चैप्टर विकास और प्रशिक्षण की आवश्यकता और नया संकल्पना (टीआरएएनसी) द्वारा आयोजित किया गया था।

एनडीए सरकार द्वारा सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाने के लिये उठाए गए कदम के संदर्भ  में कुंदरिया ने कहा कि सरकार मौजूदा सहकारी कानूनों में बदलाव लाकर किसानों के हित में कार्य करने पर विचार कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि “मै खुद किसान हूं” और मुझे लगता है कि सहकारी संस्थाएं किसानों के लिए है, उन्होंने कहा।

सहकारी समितियों पर सरकार द्वारा ध्यान देने पर कुंदरिया ने कहा कि हमने 2014-15 में 40 हजार सहकारी बैठकों में हिस्सा लेने का लक्ष्य बनाया था लेकिन हमारा आंकड़ा 74 हजार तक पहुंच गया है। इसी तरह सहकारी आंदोलन में सदस्यों की सूची में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है।

मास्टर ट्रेनर डॉ नन्दितेश निलय ने कहा कि किसी भी प्रशिक्षण को सफल बनाने के लिये दोनों तरफ से संचार की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने आरआईसीएम और आईसीएम के संकायों से इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लेने को कहा और वादा किया कि प्रशिक्षण के अंत में आप यहां से कुछ अच्छी यादें लेकर जाएंगे।

डॉ दिनेश, एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी और एनसीसीटी के महानिदेशक ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के लिये हमें तेजी से बदलते समय के अनुकूल काम करने की जरूरत है। उन्होंने समारोह की शोभा बढ़ाने के लिये मंत्री को धन्यवाद दिया।

मोहन मिश्रा, एनसीसीटी के सचिव ने प्रतिभागियों को आह्वान किया कि इस अवसर को जीवन का सबसे अच्छा बनाए। उनके भाषण की सराहना कि गई, तब, जब उन्होंने गुजराती भाषा में मंत्री को धन्यवाद दिया।

मोहन मिश्रा ने विभिन्न समस्याओं से जूझ रही एनसीसीटी जैसे मैनपॉवर, फंड की कमी, बुनियादी ढांचे और कर्मचारियों के कैरियर पर प्रकाश डाला। उन्हें लगता है कि टीटीटी कार्यक्रम प्रशिक्षकों को गुणवत्ता प्रशिक्षण देने के लिये पर्याप्त अवसर प्रदान करेगा।

डॉ आर रंजन देवी ने सब को धन्यवाद दिया।

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