बिहार के सुपौल जिले का श्रीपुर गांव ऐसा वैसा गांव नहीं रहा। इफको के स्थानीय कार्यालय के अधिकारियों ने वास्तव में इस गांव की बंजर भूमि में फल और सब्जियों के उत्पादन को संभव कर दिखाया है। "यह वास्तव में हरित क्रांति है”, किसान निर्लोभ आचार्य ने कहा जिन्होंने अपने अनुत्पादक खेत के मुद्दे को संवाददाता के समक्ष रखा था।
श्रीपुर के किसानों ने इफको की टीम को इस चमत्कार के लिये बधाई दी। ग्रामीणों ने देखा कि पिछले तीन महीनों से उनके खेतों में इफको के अधिकारियों दवारा किये गये प्रयासों की वजह से यह सब संभव हुआ है।
इफको का अभियान "मृदा जीर्णोद्धार कार्यक्रम" किसानों का ध्यान आकर्षित करने के लिये एक पहल है और इस प्रकार किसानों ने इफको के निदेशक प्रेम चंद्र मुंशी के सामने अपना मामला प्रस्तुत किया। मुंशी ने पूर्णिया स्थित इफको के क्षेत्र अधिकारी श्री राजेन्द्र यादव को इसके बारे में जानकारी दी और फिर पूरी कवायद शुरू की गई।
इफको ने मधेपुरा और सहरसा के जिला प्रबंधक श्री एस.के.सिन्हा और पूर्णिया इकाई के हेड राजेन्द्र यादव के साथ मिट्टी को जीर्णोद्धार करने का फैसला लिया। इफको की इस पहल ने जल्द ही श्रीपुर गांव को बिहार के दूरदराज इलाकों से भिन्न बना दिया है।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में श्री राजेन्द्र यादव ने कहा कि इफको एपीएस और फोस्फोग्य्प्सूम के इस्तेमाल से आम और सब्जी की फसल का उत्पादन किया गया है। यह फसलों की खेती के लिये एक विशेष प्रयोग है, उन्होंने कहा। इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी की सराहना करते हुये यादव ने कहा कि मिट्टी को बचाने पर लगातार जोर और भूमि का जीर्णोद्धार ने देश भर में फैले कर्मचारियों के बीच में जागरूकता पैदा कर दी है।
श्री यादव ने उपज में परिवर्तन की कई तस्वीरें भारतीय सहकारिता के साथ साझा की। एक फोटो कैप्शन के अनुसार “ श्रीपुर गांव में इफको एपीएस के उपयोग से जूट की बम्पर फसल हुई ”। एक अन्य कैप्शन के अनुसार “ अररिया जिले में धनिया और मूंग की फसल का निरीक्षण”। तीसरे फोटो कैप्शन के मुताबिक “ आम की फसल में इफको एपीएस का उपयोग”।