इफको के एमडी डॉ यू.एस.अवस्थी, जो पिछले सप्ताह मिन्स्क दौरे पर थे। भारत में बेहतर खेती के लिए पोटाश की आपूर्ति पर जोर दे रहे हैं। पोटाश की आपूर्ति के लिए अवस्थी ने बेलरुस्काली खान का दौरा किया, जो दुनिया में पोटाश उर्वरकों के उत्पादन में अवल स्थान पर है। एमडी ने अपने दौरे के दौरान बेलरुस्काली के उच्च अधिकारियों से मुलाकात की।
इस अवसर पर अवस्थी ने ट्वीट किया कि “बेलारूस काली के जीडी गोलोवती, एलेना और डॉ पी.एस.गहलौत के साथ पोटाश की दीर्घकालिक आपूर्ति पर विचार-विमर्श किया”।
उल्लेखनीय है कि भारत पोटाश का उपयोग कम कर रहा है जिससे मिट्टी के पोषक तत्वों में असंतुलन उत्पन्न हो रहा है। उर्वरक में पोटेशियम अनुपात में नाइट्रोजन अब 10:1-इष्टतम 2:1 है।
भारत की पैदावार में पोटाश का उपयोग खाद्य सुरक्षा के लिये महत्वपूर्ण है।
एक अन्य ट्वीट में अवस्थी ने “बेलारुस पोटाश कंपनी की सीईओ एलेना को खूबसूरत देश दिखाने पर धन्यवाद दिया”।
पिछले साल उत्पादन में उरलकली दुनिया की सबसे बड़ी पोटाश उत्पादक कंपनी थी, ने भारत को करीब 800,000 टन उर्वरक की आपूर्ति पर सहमती जताई थी।
भारत में पोटाश संकट के संदर्भ में, डॉ अवस्थी द्वारा ट्वीटर पर तस्वीरों साझा करने के बाद एमडी के समर्थकों उन्हें बधाई दी। एक समर्थक ने ट्वीट किया कि “यह सुनकर बहुत अच्छा लगा और पोटाश से संबंधित मुद्दों का समाधान होगा। एक अन्य समर्थक ने लिखा कि “महोदय, सफल यात्रा के लिये बधाई। यह निश्चित रूप से भारत में पोटाश की कमी को पूरा करेगा”।
पोटाश संयंत्र की स्वेद कम कर देता है और संयंत्र में पानी की खपत को कम करता है, तो संयंत्र सूखे के लिये प्रतिरोधी होता है। इसका उपयोग पौधों में ज्यादा फल को सुनिश्चित करता है।